वो बहुत खूबसूरत है...🌺
सोचा था हाल चाल पूछेंगे
कुछ यादें साथ में बाटेंगे
क्या पता था मिलने की खुशी नहीं
सुंदर और बदसूरत का राग अपने ही रिश्तेदार अलापेंगे
कैसे है कोई कमी जिसको ईश्वर ने बनाया है
बदसूरत वो नहीं ऐसी सोच है
जिसको तुमने अपनाया हैं...
ऐसा होता है ना? हम कभी-कभी अपने ही लोगों से घबराते है कहीं ना कहीं ऐसी बात हमारे घर में आने वाले मेहमान या हम जब कहीं मेहमान बनते है तब या हो सकता है किसी विशेष कार्यक्रम में जब रिश्तेदार मिलते है या कभी अपने ही दोस्तों के बीच अक्सर ही ये बात देखने को मिलती है अरे,तुम तो बहुत मोटे हो गए हो,तुम कितने पतले हो ऐसे अच्छे नहीं लगते,अरे देख ये थोड़ा काला है, नहीं इसका नाक नक्श देख अच्छा नहीं है, जैसी ना जाने कितनी ओछी बातें। कभी ये बातें पीछे से होती है तो कभी इनको लेकर मजाक बना दिया जाता है और वो बात ऐसे ही टाल दी जाती है लेकिन क्या कभी सोचा है इन सब बातों को करके उस इंसान में आप हीन भावना पैदा कर देते है। आप उसके मन को कितनी ठेस पहुंचा रहे है जो ना तो इंसानियत की दृष्टि से सही है और ना ही कानूनी दृष्टि से। आपके लिए शायद वो एक बात या दो पल का मजाक होगी लेकिन आप कानून की दृष्टि में भी असल में अपराधी होते है और आप एक अपराध कर आराम फरमा रहे होते है।
बदसूरत और छोटा वो इंसान नहीं आप और आपकी सोच है। जिस इंसान को ईश्वर ने बनाया है वो बदसूरत कैसे हो सकता है उसमें कोई कमी कैसे हो सकती है। आप ऐसा बोलकर सोचो उस चीज में कमी निकालते हो जिसे ईश्वर ने बनाया है।
इसीलिए आप, मैं और वो सब बहुत खूबसूरत है।🌺
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