अब तक का सफर✍️
शुरुआत कुछ यूं हुई...हम कुछ परेशान थे...कुछ बेचैन थे,कुछ निराश थे...कुछ गलत कुछ सही...जो बोल नहीं सके...अंदर ही अंदर थोड़ा घुटे...ऐसे में दिल के जज्बातों को उतारा कागज पर और सुकून मिला...शायद खुद को पहली बार ही खुद के साथ जीने का मौका मिला...धीरे - धीरे पसंद आने लगा खुद को खुद का ही ये साथ...मेरी कलम✍️ने ही थाम लिया मेरा हाथ...@vani ajayman
👍👍
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DeleteNice
ReplyDeleteNice ❣️
ReplyDeleteThanks
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